Thursday, May 28, 2020

Swami Vivekananda

आज हमें एक तरफ वह मनुष्य दिखाई पड़ता है, जो पाश्चात्य ज्ञान रूपी मदिरा से मत्त होकर अपने को सर्वज्ञ समझता है | वह प्राचीन ऋषियों की हंसी उड़ाया करता है | उसके लिए हिन्दुओं के सब विचार बिलकुल निरर्थक चीज हैं, हिन्दू दर्शन शास्त्र बच्चों का कलरव मात्र है और हिन्दू धर्म मूर्खों का अंधविश्वास मात्र | दूसरे तरफ वह आदमी है जो शिक्षित तो है, पर जिस पर किसी एक चीज की सनक सवार है और वह उल्टी राह लेकर एक छोटी सी बात का अलौकिक अर्थ निकालने की कोशिश करता है | कुसंस्कारों को उचित सिद्ध करने के लिए दार्शनिक, आध्यात्मिक तथा बचकाने न जाने क्या क्या तर्क उसके पास सदा मौजूद रहते हैं | इन दोनों संकटों से बचो | हमें निर्भीक साहसी मनुष्यों का ही प्रयोजन है 🌷स्वामी विवेकानन्द🌷

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